'गोदना' अंगिका लोकगीत
अभी जो गीत हम आपको सुनाने जा रहे हैं
वो भागलपुर के पारंपरिक गीत है
जिसको यहाँ कहा जाता है गोदना गीत
'अरे गोरे गोरे बहियाँ गे लिलिया
कारे सोभो गोदनमा रे जान
गोरे गोरे बहियाँ गे लिलिया
कारे सोभो गोदनमा रे जान
जान गोदना रे देखी मोहना तोरा लुभैलको रे जान
जान गोदना रे देखी मोहना तोरा लुभैलको रे जान
मईय्यो तोरा बरजौ गे लिलिया बापो तोरा समझाबौ रे जान
मईय्यो तोरा बरजौ गे लिलिया बापो तोरा समझाबौ रे जान
जान छोड़ी रे दहीं मोहना केर संगतियो रे जान
जान छोड़ी रे दहीं मोहना केर संगतियो रे जान
गोदना मोरा चमकै गे मईय्यो गोरे गोरे बदनमा रे जान
गोदना मोरा चमकै गे मईय्यो गोरे गोरे बदनमो रे जान
जान अंग अंग नाचै मोहना केरो सुरतियो रे जान
जान अंग अंग नाचै मोहना केरो सुरतियो रे जान
जनमो मोरा जैते गे मईय्यो परनमो मोरा जयते रे जान
जनमो मोरा जैते गे मईय्यो परनमो मोरा जयते रे जान
जान तईय्यो नै छोडबे मोहना केर संगतियो रे जान
जान तईय्यो नै छोडबे मोहना केर संगतियो रे जान
मोहना के निशानी गे लिलिया आठों वरन गहनमा रे जान
मोहना के निशानी गे लिलिया आठों वरन गहनमा रे जान
जान छम छम लिलिया नाचै सगरो अंगनमो रे जान
जान छम छम लिलिया नाचै सगरो अंगनमो रे जान
जान नहिऐ रे छोडबे मोहना केर संगतियो रे जान
जान छोड़ी रे दहीं मोहना केर संगतियो रे जान
जान नहिऐ रे छोडबे मोहना केर संगतियो रे जान'