'गोरे गोरे बहियाँ ललका पिरका चुड़ीया' अंगिका लोकगीत
तोरों भैया देलें छो लेडिस घड़िया"
गोरे गोरे बहियाँ हरका पिलका चुड़िया
गोरे गोरे बहियाँ हरका पिलका चुड़िया
कंगनवा भीतर सोभै छे रे लेडिस घड़िया
कंगनवा भीतर सोभै छे रे लेडिस घड़िया
घड़िया पहिर हम्में चललों बजरिया
घड़िया पहिर हम्में चललों बजरिया
देवरवा पापी मारै छे रे नजरिया
देवरवा पापी मारै छे रे नजरिया
किये तों देवरवा पापी मारे छो नजरिया
किये तों देवरवा पापी मारे छो नजरिया
तोहरें भैया देलें छे हे लेडिस घड़िया
तोहरें भैया देलें छे हे लेडिस घड़िया
(internal discussion regarding the song duration)
"कि कहलों 'डिसघड़िया'? 'देबे छे'"?
"गोर बाहीं चूड़ी पिनहलिये हारा, लाल, पीला...
आ कंगनमा भीतर लेडिस घड़ी...
आ घड़ी पिन्ही हम्में बजार गेलिए...
देवर पापी मारे छे नजरिया...
तब ओकरा कहलिए कि तों काहे देवर मारे छो नजरिया...