'घर पिछुवरियाम बोले छो मुरुगवा' अंगिका लोकगीत
घर पिछुवरियां बोले छो मुरुगुवा करेजवा सलो गे बेटी घर पिछुवरियां बोले छो मुरुगुवा करेजवा सलो गे बेटी गईय्यो बेचलियो, भेसियो बेचलियो (*2) तिलकवा देलियो गे बेटी (*2) दोगलवा के बेटवा आलो, मड़वा चढ़ी बेठलो मुखहुं ने बोलो गे बेटी (*2)
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The chicken clucks in the backyard You were my heart The chicken clucks in the backyard You were my heart I sold the cow, I sold the buffalo (*2) I gave the dowry (*2) The two-faced man's son sat on the porch He does not even talk to me (*2)
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