'घर पिछुवरियाम बोले छो मुरुगवा' अंगिका लोकगीत
'घर पिछुवरियाम बोले छो मुरुगवा' अंगिका लोकगीत |
घर पिछुवरियां बोले छो मुरुगुवा
करेजवा सलो गे बेटी
घर पिछुवरियां बोले छो मुरुगुवा
करेजवा सलो गे बेटी
गईय्यो बेचलियो, भेसियो बेचलियो, तिलकवा देलियो गे बेटी
गईय्यो बेचलियो, भेसियो बेचलियो, तिलकवा देलियो गे बेटी
दोगलवा के बेटवा आलो, मड़वा चढ़ी बेठलो
मुखहुं ने बोलो गे बेटी
दोगलवा के बेटवा आलो, मड़वा चढ़ी बेठलो
मुखहुं ने बोलो गे बेटी