अंगिका समदन लोकगीत
थमे थमे थमे रे कहारिया धरें डोलिया
कहरिया धरें डोलिया
से लागलौ छै बेटी के पियास
झर झर चुवे दोनों अँखिया से लोरवा
से अँखिया से लोरवा
से चनमुख बड़ी रे उदास
बगिया क कोयलो उड़ी चलली परदेसिया
से चलली परदेसिया
से केना के सुनबय मीठी बोल
केकरा जे चुमव हम्मे
केकरा से बोलवो
केकरा खिलयबो दहि घोर
केकरा खिलयबो दहि घोर
करकी जे गैया केरो कोने दुधवा ओंटतै
कौने झाड़ते लामी लामी केश
मनमा उदास देखि गाल छूभी पूछतै
मैया तोरा किये रे कलेश
ताकी ताकी मुहमा बहिन बुभकावै
भैया भौजी कानौ बेजार
चाचा चाची मामा मामी कर घरी कपसौ जे
पिसा पीसी नैन बहे धार
नगरी क लोग कहे शिब अलबेलवा
जे गौरी हमरी बड़ी सुकमार