अखारी पूजा

अखारी पूजा
329301अखारी पूजा
Akhadi pooja

(ढोल, झांझ आरो ढोलक के अवाज)

(काली माता के दास झूपे वाला नाच नाची रहल छे)

तोरो नां कि होलो?

हमरो बजरंगी राय

बताहो तनी पूजा बारे म, कि कहे छे होकरा?

पूजा जे छे, अखारी पूजा हेकरा कहलो जाय छे

ई साल में होवे छे, गाँव में।

कलकत्ता क जे काली घाट छे, वेहें स उत्पन्न होल छे

ते वेहे गाँव गाँव में ई फैली गेल छे, चारो तरफ

पाठा भी पड़े छे, मतलब बली, आरो कबूतर

बिहारो माय भी पूजा होवे छे

सूगर भी पड़े छे, मुर्गा भी पड़े छे बली

होक्करा बाद जे छे, ई सब पड़लें बाद आदमी त खाबे न करतो

ते वेहे बली मतलब खाय छे ऊ सब

कहे छे ई जे कैसें मतलब ई सब होले

संकर भगवान जे छे, पूरा उद्ध छिड़ी गेल छेले काली माय के

कोय राक्षस ई रंग का छेले भेंकर

तो उद्ध जब छिड़ी गेले तखनी कहलके जनानिहें होकरा मतलब बध करे पारे ऊ राक्षस के

तब जे जनानी बध करे, तब पार्वती मईय्या जे छे

अपना जेतना बहिन छेले, सरसती सब मिलिक, सीतला माय सन्हि एक हो उत्पन होले काली माय

ते उत्पन होलो ते होकरा म पार्वती जी भी, ऊ संकर जी के पतनिए छेले

ते वेहे गेले मतलब पूरा लड़ाई होतें होतें राक्षस सब ऊ सब के बध करबे करलको

लास्ट में जे छे, तबे देबता गन के भी बध करे लागले

सब देबता आलो, बिसनु भगवान के पास

बिसनु भगवान के पूछे छो, बिसनु कहे छो कि "होकरा जनानिहे मारे पारे"

तब पार्वती जी क बोल्लो गेलो

रूप धारन करलको अपना सब

भेंकर महाकाल के रूप होय गेलो

पूरा चारो बध करे लागलो, देवता गन के भी बध होवे लागलो

तब जाय क संकर जी क पास गेलो

कहलके कि सब आदमिए संसार म मारी देते, तब यहाँ के जिंदा रहते?

तब कहलके अच्छा ठीक

तब संकर जी गेलो समसान घाट में, जे अघोड़ बोले छो

जब समसान घाट में जाय क सुती गेलो

सुतलें काली जे रस्ता दय क पार होते

वेहे रस्तवा सें पार होलो, जेसें पार होलो जाय छेलो

तब वें देखलको नय, काली जी, अपना रक्त पिये म ऊ छेलो बीजी

जे कहाँ हमरा रक्त मिलते, हमरा पीना छे

तबे ऊ गेलो वहाँ, जेसें पेर रैख देल्को संकर जी क उप्पर

तेसें ऊ तो, पत्नी छेलो ते ऊ कोय भी मर्दाना क उप्पर राखतो पेर

ते जीह निकालबे करतो

वेहे जीह निकाल्ल्को

फिर भी काली माय के रक्त चाहिये

गोस्सा थोड़ा ठंडा होलो, लेकिन होकरा रक्त चाहिये

तब संकर भगवान उठलो, देखे छे कहे छे

"देवी"

देवी कहे छे, "हमरा ते रक्त चाहिये, तों ते आय गेलहो आगू में"

कहलके "ठीक छे"

उसी टेम से जे छे, पाठा के बली देल्को, असिरवाद पाठा के

कहकले पाठा के बली, "उसी का रक्त आपको पीना है"

येहे सब छो ई काली पूजा के, अखारी पूजा म पूजा होवे छो

हमरो घर होलो टोनापाथर, सुइया थाना, जिला बांका, बिहार।

(ढोल के थाप, झांझ आरो ढोलक के अवाज)

(मड़प पर काली माय के पूजा, जेकरा म काली माय के सिंदूर चढ़यलो गेल छे)

(मड़प पर परसाद आरो अन्न चढ़यलो जाय रहल छे)

(गीत, बातचीत आरो संगीत)

ई पूजा कहाँ कहाँ मनयलो जाय छे?

ई पूजा जहां जहां मंडप हेकरो बनलो छे, बिहार में

घर घर में सबलोग पूजा करे छे, आनंद लिये छे हेकरो

आर कहिया कहिया होवे छे ई पूजा?

ई सब अखारी म होवे छो पूजा

अखाड़ मास?

हों!

अखाड़े मास मतलब हेकरा मानलो गेल छे पूजा क, हर जगह होवे छे

आर हेकरा में नृत्य वेगेरह, नाच वेगेरह होवे छे, होकरा बारे म बताहो तनी

होकरा बारे म ई छे, अगल बगल काली माय क रहे छे, ऊ सब जेसें नोकर चाकर

उस तरह क ऊ रहे छे, होकरा भ्रम आय जाय छे

भ्रम आने क बाद ऊ झूपे (झूमे) लागे छे

येहे छो

आरो के के मनाबे छे ई पूजा?

ई सभे मनाय पारे, पूजा क ई बात छे

पूजा जेसें गाँव में सभी

हमरो घरोम जैसे कोय फुलढरिया होलो, कोय काली माय क भक्त छो, सिंगार करे छो

हमरो माय सिंगार करे छो

फुलढरिया हमरे चचेरा भाय छेको

फुलढरिया बारे तनी बताहो!

फुलढरिया जे छे ऊ सिंगार ऊंगार नय करे छो, ऊ सिरीफ कथा उथा सुनलको माता के

ओक्कर बाद फुलैस करलको

फुलैस जब होय जाय छे, तब बली पांड़े खिलेयला, भजन करवालें क बाद

तब बाली इस्टार्ट होवे छे

फुलैस कि होवे छे?

फुलैस वेहे चावल आरो सोंपाड़ी आरो पान के पत्ता धरलो जाय छे

अरवा चावल होना चाहिये

वेहे सब होवे छो पूजा पाठ बिहार में

आरो सिंगार बारे म तनी बताहो?

सिंगार ई रंका छे, जेसे सिंदूर माता के, माता भी उस दिन खूस रहे छे

पूरा लाल होकरा सिंगार सजावट कर देल्को, चुंदरी भी दय देल्को होकरा

माता भी खूस होय जाय छे पूरा।

(पाठा सन्हि क बली लेली तैयारी होय रहल छे)

(काली माता के दास झूपे वाला नाची रहल छे)

ई पूजा करलें कि होवे छे?

ई पूजा सें मनोकामना पूरन होवे छे

जे भी कुछ मतलब बर बेमारी, ई ऊ, जे भी होलो, जे मांगते ऊ मिली जाय छे

माता कृपा अप्पन करी दय छे

हेकरा पर गीत जे गेलो जाय छे, ऊ कोंची बारे होवे छे?

धूमन जलालो जाय छे, धूमन से काली माय खुस होवे छे

आर घी जलाभो ते होकरो स जादा बहुत खुस होवे छे

जे बली उली लिये छो अगल बगल वला

मन से चढ़ावो ते आरो माता खुस होवे छे।

आरो गीत ऊत जे गैलो जाय छे...

हों, ई मनैन गीत होवे छे

जेसें महारानी बहुत आदमी निकले छे

फोड़ा फुंसी होय गेलो, ते होकरा बिहार म महारानी मानलो जाय छे

बड़की माय छोटकी माय- मतलब हेकरा म सात बरन कें माता छे

जे बड़की माय होतो ते बोड़ो फोड़ा होय जाय छे,

आर जेसें छोटकी माय छे छोटो, मँझली माय छे मंझलो,

वेहे मतलब आय जातो ते बड़ा कस्ट होवे छे, जलन होलो, ई होलो

ते होकरा घी लगयलो जाय छे, होक्कर बाद पंढार करे छे वहाँ जाय क

मंडप में

पंढार होलो ऊ , तब ऊ सांती लय ले छो

पंढार मतलब पानी ढारलको?

हों

आरो फोड़ा जे होवे छे ऊ वेहे रंग की चेचक वला?

हों, चेचक वला फोड़ा होवे छे

होक्कर बाद जे कहे छो मनैन

मनैन गाने के बाद काली माय खुस होय जाय छे

ते खुस होलो ते आरो वें मतलब ठंडा अपनो देल्को सरीर के, हवा आलो बढ़ियाँ

जे ढोल ऊल बाजावे वला होवे छे ऊ बाहरो स आवे छे कि गांवे क होवे छे?

नय गांवे क लोग

मनैन साथें बजालको

धनसर फुलसर बजलो, माता भी धनसर फुलसर एगो छे

धनसर फुलसर कि छे?

धनसर फुलसर मतलब वेहे सनी सात बहिन में एक के नाम छो फुलसर, एक के नाम छो धनसर, ऊ महा धनी

मतलब देवी क नाम छे?

हों, देवी क नाम छे- धनसर माता, फुलसर माता

उसी तरह बजलो मनैन में ते माता खूब खुस होलो!

तनी बताहो बिध-ऊध किरंग होवे छे होकरा बारे म?

बिध येहे छो जेसें पांडे गेलो कथा सुनलको लोगें, सुनले क बाद कथा

होक्कर बाद वेहे सब बिध छेको, पाठा के भी सिंदूर लगालको

होकरा बेलपत्तर चढ़ालको, चढ़लो पाठा पर, खुस होय गेलो कि बली लय रहल छे काली माय

आर नय चढ़तो ते ऊ मतलब नय पड़े, पड़बे नय करतो।

के के बली चढाबे छे?

बली जेसें जेकरा चढाबे क होवे छे- दस आदमी मिल के पाठा किनलो जाय छे, ओकरा कहे छे 'साली'

साल में जेसें मतलब पड़े छे एक पाठा, दु भेंड़ा, एक पाठी

पाठी पड़े छो सितला माय क,

एक भेंड़ा पड़े छो काली माय क आरो एक पाठा,

आरो एक भेंड़ा फीर पड़े छो बिहारो थान म

बिहारो थान म दारू भी लागे छो, मुर्गा भी लागे छो

येहे दिना कि दोस्सर दिनां?

येहे, अखारिये दिनां पूजा होवे छे होकरो

ते बली देला क बाद होवे छे ई सब?

हों, ई सब बली वहाँ पड़ी गेलो ओक्कर बाद लास्ट म बिहारो माय होवे छे

बिहारो पहाड़ जे छे वहीं?

हों, बिहारो पहाड़ जेकरा कहे छो

जदी नय होकरा पूजा देबो, तब पहाड़ से बाघ आतो, कभी सूगर आतो, कभी साँप आतो

येहे सब जानवर घूरे लागतो गामों म

इसलिए सब चल्लो जाय छे।

आरो कुछू परब बारे जे हम्में नय पुछ्लो छिये आरो तों बतावे पारो

नय, आरो ते नय।

बहूत धनबाद तोरो!

(नाच खतम होला बाद बली पड़े छे)

(Dance of Kali ma's attendant with music)

(music from drums and cymbals)

What is your name?

My name is Bajrangi Rai

Please tell me a bit about this festival, what is it called and consists of?

This festival is called Akhadi pooja

A yearly festival in the village

It has originated from Kali Ghaat of Kolkata

It has spread across villages

Goats are sacrifced (bali) to the diety

Pigeons etc. are sacrificed

Bihaaro Maay is also worshiped

Pigs and hen are also offered as 'bali'

After all of this, the worshippers eat them

Let me tell you the story of how this worship began:

There was a war going on between gods and a demon

The demon was fierce

Only a woman could slaughter that demon

Goddess Parwati and her sisters- Saraswati and Sitla joined forces

They manifested in the form of Goddess Kali

Within this goddess was Parwati as well, wife to lord Shankar

Kali went and destroyed the demons in the war

In the end, she began to kill gods as well

So, all gods went to lord Vishnu for counsel

Mahakaal had been formed to kill demons

But when gods began to get killed

It was a worrying situation for them

They went to Parvati ji, one of the components of Kali

It was a worrying situation for them

They went to Shankar ji

They were worried that all humans would die in this manner

Then lord Shankar went to the shamshaan ghaat (cremation ground)

He lay on the ground where he knew Kali would pass by

She didn't pay attention, she was on the lookout for blood instead

So she stepped on lord Sankar

Since she was his wife, she stuck out her tongue at this mistake .

She was regretful, but she still needed blood.

Her anger abated, so lord Sankar got up to negotiate

He addressed her

Kali says "I do need blood, you came in my way."

He said "Alright."

Since then, goat sacrifice began, so that it could quench her thirst.

He said "you are supposed to drink goat blood from now."

This is the story behind worship of Kali during Akhari pooja

I am from Tonapathar, Suiya thaana, Banka district, Bihar

(sindur applied on Kali mata as a part of 'Singaar' ceremony

('prasad' offered to Kali mata being collected to be distributed among devotees)

Where is this festival celebrated?

It is celebrated wherever there is the goddess's 'mandap' in Bihar

It is celebrated in every home, people enjoy it

When is this festival celebrated?

This festival takes place in 'Akhaar'

You mean 'Akhar maas' (preceding monsoon)?

Yes, it is the established time for celebration everywhere

There is a dance performance during the celebration, tell us about that.

It is believed that the goddess's devotee and assitant,

And in her presence, he feels a profound connection, transforming into her embodiment, with his dance becoming a manifestation of her divine energy.

Who all celebrate this festival?

It can be celebrated by everyone. Everyone in this village celebrates.

For example, someone would be 'phuldharia', someone does the 'shingaar'

My mother does the 'shingaar' (decoration)

My cousin brother is a 'phuldharia'

Tell us a bit about 'phuldharia' and 'singaar'!

'Phuldhariya' doesn't do the decoration, they listen to 'katha' recitation of the goddess

After that, they participate in 'fulais'

After 'fulais' and 'bhajan' the sacrifice begins

Then fulais happens

After fulais, the pandit is fed after the bhajan

Then the sacrifice begins

What is 'fulais'?

'Fulais' is the one in which rice and supari are put upon a betel leaf as offering

The rice should be 'arwa' pure (not boiled)

This is how the festival is celbrated in Bihar

Tell something about the singaar

The singaar includes putting vermilion upon the goddess

She is decorated in red, even a chundri (veil) is put upon her

The goddess gets very happy

(The goats are being prepared for sacrifice)

(Kali maay's attendant is dancing)

What happens on conducting this worship?

Participating in this festival results in the completion of 'manokaamna' (wishes)

Whatever diseases or sufferings one might have, whatever one asks from her

The goddess showers blessings

What are the songs about?

Dhuman may be burnt, it causes her happiness

If ghee is offered then she gets happier

Sacrifices and offerings are given

If you offer with faith then the goddess get more happy

The songs that are sung...

Yes, they are 'manain' songs

A lot of people suffer because of 'Maharani'

One gets boils and sores, they are called 'Maharani' in Bihar

There are 'badki maay' and 'chotki maay', there are seven varieties of the maata

If one has 'badki maay' then one gets huge sores

The 'chotki maay' means small sores, 'manjhli maay' means medium sized ones

It causes a lot of suffering if anyone catches it

Ghee is applied, then water is offered

in the mandap

After 'pandhaar' the risk of smallpox abates

'Pandhaar' means the one in which water is offered?

Yes

The usual sores or the ones caused by smallpox?

Yes, the sores caused by smallpox

So this song variety called 'manain'

Kali maay gets happy when the manain geet is sung

Then she blows cold air which alleviates the suffering from the pox

Those who are playing the istruments are outsiders?

No, they are people from the village itself

They sing manain song together

Dhansar Phulsar is sung, there are also goddesses named Dhansar and Phulsar

What are Dhansar and Phulsar?

Dhansar Phulsar means the seven sisters. One is named Fulsar, the rich one is named Dhansar

Are these the names of the goddesses?

Yes, the names of the goddesses are Dhansar maata and Phulsar maata

The goddess becomes happy on listening to the 'manain' song

Tell us about the rituals carried on this day?

The ritual is that of the 'pandey' (pandit) singing the katha

Then there is the ritual of putting vermilion on the sacrificial goat

Belpatra is fed to the goat, if it eats then it is believed that Kali maay is ready to take the offering

If the goat doesn't eat then it cannot be sacrificed

Who all offer sacrficies?

Whoever wants to offer, ten people may buy a goat together for this yearly sacrifice called 'saali'

Every year one male goat, two rams, and a female goats are sacrficed

A female goat is offered to Sitla maay

One sheep and one goat is offered to Kali maay

And a sheep is also sacrificed at Bihaaro thaan

Liquour and chicken are also offered in Bihaaro thaan

The same day as Akhaari pooja or some other day?

The same day as Akhari pooja

This happens after the sacrifices?

After the sacrifice, they go to Bihaaro maay

You mean Biharo pahaad?

Yes, Bihaaro pahaad.

If she is not worshipped, then tigers, boars, and snakes might come from the hill

These animals begin to roam around in the village

These are the reasons this festival is celebrated.

Is there anything else about this festival that you would like to share?

No, nothing else as of now.

Thank you so much!

(sacrifice will begin after the attendant enters the Kali temple)