पटना से बैदा बोलाई दऽ, नजरा गइली गुईयाँ
पटना से बैदा बोलाई दऽ, नजरा गइली गुईयाँ।
छोटकी ननदिया बनेली सवतिनियाँ।
ननदो के गवान कराई द, नजरा गइली गुईयाँ।
लहुरा देवरवा करेला छेड़खानी, ए सासुजी समुझाई द,
नजरा गइली गुईयाँ।
कहत महेन्दर मोरा कुछुवो ना भावे
ससुर जी के पटना भेजाई दऽ।
नजरा गइली गुईयाँ।
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