मेरा नाम उपासना है। मैं भुवनेस्वर,ओडिशा शहर की रहने वाली हूं। मैंने अपनी पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की है। वर्तमान मै क्राइस्ट विश्वविद्यालय में बी.ए कर रही हूं। मैं अपने माता पिता की इकलौती बेटी हूं और हमारे साथ मेरी दादी जी रहती है।

मुझे बचपन से नृत्य का शौक था और मैंने दस साल नृत्य अभ्यास भी किया है। उसके अलावा मैंने चित्र बनाने की कला भी सीखी है। मैंने स्विमिंग और बास्केटबॉल मै भी निपुणता हासिल की है। मैंने ग्यारह साल की उम्र में एक टेलीविजन शो की मेजबानी की थी और वह दो साल तक चली थी। वह मेरे जीवन की पहली कमाई थी। मैंने काफ़ी नृत्य प्रतियोगितायें जीती है। मैंने दसवीं कक्षा में उच्चतम अंक रखे। मुझे विद्यालय में लगातार तीन साल तक शैक्षिक दक्षता के लिए स्कॉलर बैज से सम्मानित किया गया। 

मुझे हमेशा नए दोस्त बनाने पसंद है और मुझे अपने परिवार वालों के ओर रहने में सुख मिलता है। मैं बचपन से ही आत्मनिर्भर हूं और मुझे अपने काम खुद करना पसंद करती हूं। मैं समयनिष्ठ हूं और अपने सारे काम समय पर करने की कोशिश में रखती हूं। मैं सदैव मुसीबत में लोगों की सहायता करती हूं। मैं बहुत ज़्यादा बोलती हूं पर कभी किसी चीज़ के लिए झूट का सहारा नहीं लेती। मै हमेशा लोगों के पक्ष को सुनती हूं और किसी के भिन्न सोच का आदर करती हूं। मुझे गाने सुनना पसंद है और अनपर नाचना भी। मुझे किताबें पढ़ने का भी खूब शौक है। मैंने अपनी मा से रसोई भी सीखी है और खाली समय में अन्य प्रकार के व्यंजन बनाने की कोशिश करती हूं। मुझे फिल्में देखने में भी रुचि है और मुझे रोमांचक कहानियां बहुत पसंद है। में जिस शहर से आती हूं वहां के लोगों की सोच काफ़ी भिन्न है और वे नई सोच को बढ़ावा नहीं देते। मुझे बचपन से रचनात्मक कार्य करना पसंद था और में अपना पूरा जीवन वहीं करते हुए बिताना चाहती थी। मुझे डाक्टर एवं इंजीनियर बनने में कोई रुचि नहीं थी पर मेरे जान पहचान के कई लोग मुझे वहीं करने मैं मजबूर कर रहे थे। पर मेरे माता पिता ने मेरा पूरा साथ दिया। मैंने दृढ़ता के साथ पढ़ाई की और अपने विद्यानाय का नाम रोशन किया। मैंने यह लोगों को साबित कर दिया कि अपना प्रिय कार्य करके भी सफलता हासिल की जा सकती है। मैं अर्थशास्त्र में काफ़ी काजोर थी। मेरे मेहनत करने के बाद भी मेरे अच्छे अंक नहीं आते थे। जब सबने मुझसे उम्मीदें छोड़ दी मेरे शिक्षक ने मुझे प्रोत्साहन दिया कि में वह कर सकती हूं। बोर्ड्स के पहले परीक्षा तक मेरे अंक अच्छे नहीं थे। पर मैंने धैर्य के साथ और मेहनत की और बोर्ड्स की परीक्षा मै अव्वल हुई। जीवन की इन्हीं कठिनाइयों ने मुझे आगे बढ़ना सिखाया और मुझे एक बेहतर इंसान बनाया। मेरे जीवन में मेरी माताजी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने हमशा मुझोपर विश्वास किया, मेरे गलतियों को सुधारने की क्षमता दी और मुझे सही राह दिखाए। आज में को भी हूं उनके कारण हूं। समय हमारा सबसे करीबी साथी है। मैंने समय के साथ बहुत चीजें सीखी है और खुदको उसी अनुसार बदला है। और आगे भी काइं चीजें सीखना चाहूंगी।