Category:भोजपुरी
भोजपुरी के पन्ना बदे श्रेणी। A Category to enlist Bhojpuri texts.
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- अंगुरी में डँसले बिया नगीनियाँ मोर बलटुआँ हो
- अंजनी ललनवाँ अजबे लाल बा बदनवाँ
- अइले गरमी के हो महीनवाँ
- अइसन करेजऊ के कइसे के बिसारी हो
- अइसहीं बितइहों कि चितइहों चित लाई के
- अछूत की शिकायत
- अजिर बिहारी चारों भइया हो रामा खेलत अंगनवाँ
- अटपट करोगे कान्ह मुरली छिनवाय लूँगी
- अतना बता के जइहऽ कइसे दिन बीती राम
- अब त राम जी पहुनवाँ हमार भइलें राम
- अबहूँ जो दरसन न देवोगे बिहारी लाल
- अम्बा स्तुति
- अलख निरंजन प्रभु हो तू ही दुखभंजन
- अवध नगरिया के राम दूनू भइया
- अवध नगरिया से अइली बरियतिया सुनुरे सजनी
आ
ऊ
ए
क
- कइसे के आईं कान्हा तोहरी सेजरिया
- कइसे के तुड़िहें रामजी शिव के धनुहिया
- कइसे जाईं ससुरारी
- कब मिलिहें पियवा हमार निरमोहिया रे
- कबहीं ना देखली मैं अइसन ललनवाँ से जियरा सालेला
- कमहीं के बस में नीम रिसी गृहस्थी लिए
- कर जोरी पूछेली जात के भीलीनियाँ
- कर लो किसी को अपना या हो रहो किसी के
- करके दगाबाजी पाजी अब तो अमीर बन के
- करि के गवनवाँ स्याम छोड़ ले भवनवाँ
- कलकतवा से मोर पिया अइहें कि दू ना
- कवना नगरिया के इहो दुनू भइया
- कवना नगरिया के ईहो दुनू जोगिया
- कहवाँ से आन्हीं आइल कहवाँ से पानी से अँचरवा उड़ि-उड़ि जाला हो लाल
- कहाँ मिलिहें मोरा अवध बिहारी हो
- कहो जी मोहन कहाँ से आयो हमें सबेरे जगा रहे हो
- काँचे काँचे कलियन पर भँवरा लोभइलें
- कागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे
- काबा सही बुतखाना सही तुझे टूँढ ही लेंगे कहीं न कहीं
- किंकिनी के शब्द मुझे घायल सी करत आज नुपूर आवाज मेरो बरबस मन लेता है
- कींधौ वह देस में सनेस ही मिलत नाहीं
- कुछो दिन नइहरा में खेलहूँ ना पवनी
- कुम्हार कहता है राम से
- कृष्ण कन्हइया मोरा संग के खेलवना
- के मोरा मोरवा के रोड़वा से मरलन रे मायनवाँ
- कोमल कुमार गात देखि कामहुँ लजात
- कोहबर में अइलें राम इहो चारो भइया आ हो सँवरियो लाल
- कोहबर में अइलें राम इहो चारों भइया
- कौन कहता है कि यारी में मजा होता है
ग
घ
च
- चउथेपन आए तब पुत्र हम पायो नाथ
- चकुनी जे हथिया पर बइठे राजा दशरथ हे
- चढली जवनिया के विरहिनिया ए हरी
- चढ़ली जवनिया भइली जिउआ के जंजाल
- चन्द्रमा बेचारे लज्जित होते बाटिका देख
- चपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम
- चम्पा की चमक चारू केतकी कमाल करे
- चम्पा चमेली के हरवा बना लऽ
- चातक चकोर मोर शोर करि बोले हाय घटा भी घमंड घेरी घेरी बर्षतु है
- चार दिन की जिन्दगी में चेत लो सचेत होय
- चाहे हमें झिझकारि दुराइए चाहे हमें लेलकारि डेरावो
छ
ज
त
- तजा है प्राण दशरथ ने जुदाई हो तो ऐसा हो
- तड़ तड़ तड़ तड़ात धड़ धड़ धड़ धड़ात घिरी गरज गरज जात तड़पत है तड़ाक दें
- तारिहों न राम जो पे राम की अदालत में
- तीन मुट्ठी चावल लेकर सुदामा को तारे
- तुम तो पिया सुरलोक चले मेरी नइया खेवइया तो कोई नहीं
- Author:तेग अली तेग
- तोतई बादामी लाल सबुजी सुरंग रंग
- तोरे से बचन मैं तो हारी बालमा
- तोहरो सूरत देखि हम मुरूछइलीं से
द
ध
न
प
- पंतियो ना भेजे स्याम निपटे अनारी हे
- पटना से बैदा बोलाई दऽ, नजरा गइली गुईयाँ
- पढ़े छवो शास्त्र ओ अठारहो पुरान देखे
- पपीहा रे पीऊ की बोली ना सुनाव
- पातर-पातर गोरिया के पतरी कमरिया
- पानी भरे गइली राम जमुना किनारवा
- पानी भरे जात रहीं पकवा इनारवा बनवारी हो
- पिया मोरा गइले सखि हे पुरूबी बनिजीया
- पिया मोरा गइलें रामा पूरबी बनिजिया
- पुरूब से आन्हीं भाइल पच्छिम से बरखा
- प्यारी-प्यारी कारी-कारी अब घटा आने लगे
- प्राण प्यारे बात मानो दे दो सीता राम की
- प्रेम की नाँव कुदाँव फँसी मन मोर मल्लाह सलाह कहाँ है
फ
ब
- बँसहा चढ़ल अइले शिव मतवालवा हे
- बँसहा चढ़ल शिव ठाढ़े दुअरवा
- बटोहीया
- बड़ा नीक लागऽ तारें भोला के बदनवाँ रे सखिया
- बदरा क्यों गरजे घनघोर सजनवाँ अइलें नाही मोर
- बन के गोदनहरी कान्हा चललें जहँवा रहली राधा
- बहार आई है झूलन की घटा छाई है सावन की
- बिदेसिया
- बिरहा सतावेला बिरहा सतावेला
- बिरहिन बैठी राह में, नागिन आई धाय
- बैठी विधुबदनी कृशोदरी दरी के बीच चोटिन को खींच-खींच तिरछी निहारती
- ब्राह्मण तो पोथी लिए भागे जात खिड़की राह
भ
- भई है निहाल नृपलाला को देखि सीया एक टक लाई रही प्रेम रस भीना है
- भजि लऽ रामजी के नइया बेड़ा पार होई
- भजु मन राम नाम उदार
- भजो रे मन शंकर नाम उदार
- भजो श्री राम को प्यारे उमिरिया बीत जाता है
- भरोसा रही एक अंजनी कुँवर के
- भागे नेवतहरी वस्त्र छोड़ि-छोड़ि द्वारन पे
- Author:भिखारी ठाकुर
- भोरहीं के भूखे होइहें चले पग दूखे होइहें
म
- मँड़वा में अइलें राम जी इहों चारो भइया
- मचाया धूम मनमोहन सखी री अबकी होली में
- मधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना
- मन राम को सुमिर ले दिन यों ही जा रहा है
- मन राम भजो सब काम तजो क्या ठीक तेरे जिन्दगानी का
- मन रे भज ले सीताराम
- Author:महेंदर मिसिर
- माघ ले जनवरी जरूर कहे आवन को
- माया के नगरिया में लागल बा बजरिया
- माया केतनो बिटोरबऽ एक दिन जाहीं के परी
- मारा मारा कहि के
- मारो ना कोई ललन पर टोना
- मिथिला नगरिया में अइलन दूनू भइया
- मिथिला सहरिया के पतरी तिरियवा
- मिथिला सहरिया के पतरी तिरियवा हे
- मिले जो यार तो इतना सनेस कह देना
- मुट्ठी बाँध आए कुछ नेकी ना कमाए
- मुहब्बत जान लेती है बचा लो जिसका दिल चाहे
- मैं कैसे ऊधो जोगिन भेस बनइहों
- मैं कैसे होरी खेलूँ राम श्याम करे बरजोरी
- मोरा उमके जोबनवाँ सजनवाँ नादान
- मोरा घरे अइलें पहुनवाँ हो दशरथ के लाल
- मोरा घरे अइलें हो दशरथ के लाल
- मोरा छोटका बलमुआँ के घुँघरवाली बाल
- मोरा पिछुअरवा रे नींबुआ के गछिया ए ननदिया मोरी रे
- मोरा भोला अड़भंगी कहाँ विलमे
- मोरा राम जी पहुनवाँ के घुंघुर वाली बाल
- मोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना
- मोरा राम दुनू भइया से बनवाँ गइले ना
- मोह माया जाल में फँस के भये न्यारे आप